National Deworming Day: बच्चों के पेट दर्द को न करें नजरअंदाज, हो सकती है कीड़ों की समस्या

National Deworming Day: बच्चों के पेट दर्द को न करें नजरअंदाज, हो सकती है कीड़ों की समस्या

सेहतराग टीम

नवजात बच्चों में कई तरह की बीमारी होने का डर रहता है। इसलिए तो एक्सपर्ट नवजात बच्चों का खास ध्यान रखने की सलाह देते हैं। बच्चों में कई तरह की समस्याएं होती हैं लेकिन परजीवी कृमि से होने वाला इंफेक्शन नवजात बच्चों को ज्यादा परेशान करता है। इसलिए तो 10 फरवरी को नेशनल डीवॉर्मिंग डे के रूप में मनाकर लोगों को हर साल जागरूक किया जाता है। ये समस्या शहरों की अपेक्षा गांवों में ये समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। तो कैसे बच्चे ही होते हैं इसका ज्यादा शिकार और क्या है इसके लक्षण एवं उपचार।

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क्या है कारण

यह संक्रमण खासतौर से Soil Transmitted Helminths (एसटीएच) अर्थात पेट के परजीवी से फैलता है। यह परजीवी पेट में मौजूद होते हैं जो खुले में शौच करते वक्त मिट्टी को छूने, जमीन पर कुछ गिरा हुआ उठाकर खाने आदि द्वारा बच्चों की आतों में पहुंच कर अंडे दे देते हैं और बच्चों के पोषण को अपने विकास में इस्तेमाल करने लगते हैं। जो धीरे-धीरे कुपोषण, एनीमिया, मानसिक और कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों को जन्म देते है।

पेट में कीड़े के लक्षण

  • वजन कम होना।
  • दस्त लगना।
  • पेट दर्द और ऐंठन होना। 
  • मल त्याग करते समय खून आना
  • हल्का बुखार।
  • आंखे लाल होना।
  • जी मचलना और उलटी आना
  • जीभ का सफेद होना। 
  • मुंह से बदबू आना। 
  • सोते समय दांतों को बजना।

कृमि से बचाव के उपाय

  • बच्चों को हमेशा शौचालय में ही शौच करवाएं।
  • ध्यान रखें जो पानी बच्चे पी रहे हैं वो पूरी तरह से साफ स्वच्छ हो।
  • बच्चों के नाखून और हाथ-पैर हमेशा साफ-सुथरे रखें।
  • मिट्टी में खेलने के बाद खासतौर से सफाई जरूरी है।
  • खाना बनाने और खाने की जगह पूरी तरह से स्वच्छ हो।
  • कृमियों से बचाव के लिए 1 से 19 साल तक के बच्चों को कृमिनाशक दवाई खिलाना जरूरी है।

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